कविता - तुम सधा खुस रहना

 तुम सधा खुस रहना

 Hello Friends, Today i am presenting poem (Kavita) Tum Sadha Khus Rehna, especially for you. Hope you loved. If you have any comment then please forward me so, I can be better.

कविता - तुम सधा खुस रहना

तुम सधा खुस रहना मेरे चिंता मत करना 

चाहा तुमको दिल से मिला क्या मुझे तेरे प्यार मे 

हो गई तू बेवफा भूला दिया मुझको पल भर मे 

खाये थें कसम साथ मे जिने मरनेका 

बोल पगली अब कैसे जिया जाये तेरे बगैर 

सोचता रहता हुं तुझे हर रात

याद आती है कि हमने जो बात 

बस इतना हि कहुंगा सदा तु खुस रहना

मेरे मरने के खवर से तु कवि उदास मत होना ।।

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